लोक सूचना- प्रदाता एवं पर्यावरण योद्धा आशीष सागर दीक्षित की सामाजिक यायावरी
उत्तरप्रदेश के विंध्याचल क्षेत्र से आने वाले चित्रकूट धाम मंडल जिला बाँदा रहवासी युवा लोक सूचना प्रदाता / आरटीआई सामाजिक कार्यकर्त्ता / पर्यावरण योद्धा आशीष सागर दीक्षित मौजूदा लोक व्यवस्था के तमाम झंझावत सहन कर रहे है.
विगत 15 वर्षो के सामाजिक जीवन मे इनके अतीत के पन्ने पलटने पर जानकारी मिलती है कि इन्होने अपनी अंतिम शैक्षणिक पढाई प्रसिद्ध समाजसेवी पद्म विभूषित नानाजी देशमुख द्वारा संस्थापित विश्वविद्यालय महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय
विश्वविद्यालय से एमएसडब्ल्यू ( एमए समाज कार्य ) सत्र वर्ष 2005-07 मे प्रथम श्रेणी मे पूरी की है. युवा एक्टविस्ट ने अपने अल्प जीवनकाल मे तीन सरकारी / गैर सरकारी नौकरी छोड़कर जनसेवा का पथमार्ग चयन किया था. गत 30 सितम्बर
2009 को ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीनस्थ उपक्रम कपार्ट मे युवा उद्यमी के पद पर सेवा देते हुए यह लखनऊ के जवाहर भवन से तत्कालीन ग्राम्य विकास आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह के कार्यकाल मे सेवामुक्त हुए थे.
इन्होने राजस्थान के जयपुर, धौलपुर मे भी सेवाएं दी है. आशीष सागर मनारेगा कार्यक्रम अधिकारी के पद पर भी रहे और स्वैक्षिक त्यागपत्र देकर नौकरी को नमस्ते कर लिया था.
उल्लेखनीय है कि बाँदा के स्कूली / पंडित जवाहर लाल नेहरु पीजी कालेज से पढाई करने वाले आशीष सागर नेशनल कैडिट कोर 7/60 यूपी कंपनी बटालियन फतेहपुर (एनसीसी सी प्रमाणपत्र धारक ) से जुड़े रहे है.
युवा अवस्था से वादविवाद, लोकरंग, पर्यावरण जैसे प्रतिस्पर्धाओ मे प्रतिभागिता रही है. जनसेवा मे आने के बाद लोक सूचना प्रदाता के रूप मे इन्हे सबसे पहले तब चर्चा मिली जब इन्होने यूपी की सरकार मे पूर्व मुख्यमंत्री
दलित पैरोकार बहन मायावती के सबसे ताकतवर तत्कालीन कैबनेट मंत्री व बाँदा निवासी श्री नसीमुद्दीन सिद्दकी को आय से अधिक सम्पति मामले मे लोकायुक्त रहे न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा की जाँच मे सीबीआई / प्रवर्तन निदेशालय तक पहुंचा दिया था.
यह अलग बात है की समाजवादी मुख्यमंत्री रहे श्री अखिलेश यादव व वर्तमान बीजेपी सरकार ने इन भारी भरकम भ्रस्टाचार के दस्तावेजों को दबा रखा है.
लोक व्यवस्था के बदलाव की प्रक्रिया मे आशीष सागर ने बसपा सरकार मे खनिज मंत्री रहे व एनआरएलएम घोटाले के मुखिया श्री बाबू सिंह कुशवाहा से लेकर एनी कद्दावर नेताओं से खुला मोर्चा लिया है.
आज भी पर्यावरण संरक्षण / जल- जंगल- ज़मीन की बुनयादी लड़ाई मे यह यूपी हाईकोर्ट / एनजीटी तक जनहित याचिकाओं के माध्यम से संघर्ष कर रहे है. तमाम संघठनो ने इन्हे सम्मानित किया है.
इस दरम्यान सिस्टम की नूराकुश्ती मे इन्हे ब्यूरोक्रेसी की साजिशो / सामाजिक विरोधियों से जूझना पड़ता है. सच्च्ची खबर / आंकड़ों का अन्वेषण- अनुसन्धान करने के बाद पड़ताल को प्रकाशित करने वाले व्यक्ति के यूँ भी आज कई वैचारिक दुश्मन होते है.
समय- समय पर अखबारी / मीडिया की चर्चा मे रहने वाले जन योद्धा के विषयक आप पाठकजन नीचे दिए जा रहे लिंक के बजरिये सन्दर्भ जानकारी कर सकते है.
डिजीटल मीडिया खबर लिंक / सरोकार -
इंडिया टुडे पत्रिका मे देश के तालाबों पर सूचनाधिकार के जरिये खुलासा -
भड़ास मीडिया सरोकार एवार्ड
यूपी लोकायुक्त के शिकंजे मे मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दकी
द वायर से साक्षात्कार / संवाद
न्यूज़ लौड्री से वार्ता
जनज्वार से वार्ता
बीबीसी हिंदी पर खबर
https://www.bbc.com/hindi/india/2016/02/160221_bundelkhand_people_lood_foodgrain_md
खबर लहरिया मे साक्षात्कार
चर्चित पत्रकार रोहित उपाध्याय से बातचीत
https://www.youtube.com/watch?v=axFRXqUKj0g
द वायर पर वीडियो साक्षत्कार
https://www.youtube.com/watch?v=JwTD9FbTR9w
बाँदा की अमलोर मौरम खदान में बालू माफिया गैंगेस्टर विपुल त्यागी का तांडव
https://www.youtube.com/watch?v=q0JdMznq9Iw
रेत माफिया से हलकान महिला सामाजिक कार्यकर्त्ता
https://www.youtube.com/watch?v=2sq8QMNc1ho
पर्यावरण योद्धा पर एनजीओ माफिया की साजिश