चौकियों में हो रही अवैध वसूली से धूमिल हो रही सरकार की छवि

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Feb 8, 2024 - 04:30
Feb 8, 2024 - 05:25
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चौकियों में हो रही अवैध वसूली से धूमिल हो रही सरकार की छवि
  • छत्तीसगढ़ का परिवहन विभाग बना भ्रष्टाचार का गढ़ 
  • क्‍या परिवहन आयुक्‍त दीपांशु काबरा की सरपरस्‍ती में हो रहे घोटाले ?

@ विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन

छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद परिवहन विभाग में घोटालों का गोरखधंधा बदस्‍तूर जारी है। राज्‍य के परिवहन चैकपोस्‍टों से अवैध वसूली का अभियान चालू है। राज्य के आधा दर्जन बैरियर में अवैध वसूली की जा रही है। कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के नेतृत्व में जिस तरह से चौथ वसूली का खेल चल रहा था वह खेल अभी भी जारी है। जबकि राज्य में बीजेपी ने सत्ता संभाल ली है। दावा किया जा रहा है कि बघेल सरकार की गोद में बैठे परिवहन अधिकारियों ने अभी भी अपनी कुर्सी पर जमे रहने के चलते अवैध वसूली का अभियान जारी रखा है। जल्द ही ऐसे अफसरों को नहीं हटाया गया तो राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान होगा। दरअसल राज्‍य में अधिकारियों में पैसा कमाने की ऐसी हवस लग गई है कि वह किसी से बिना डरे बड़े पैमाने में भ्रष्‍टाचार करने में लगे हैं, चाहे उससे सरकार की छवि पर भी बुरा प्रभाव क्‍यों न पड़े। परिवहन विभाग खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हाथों में है। ऐसे में परिवहन अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि परिवहन विभाग के कई जिम्मेदार अफसर ट्रांसपोटर्स और बस संचालकों से कांग्रेस सरकार की तर्ज पर अवैध वसूली का कारोबार जोर-शोर से चला रहे हैं। ऐसे ही एक बड़े अफसर की हफ़्ता वसूली चर्चा का विषय बनी हुई है। सूत्र बता रहे हैं कि रायपुर के कोतवाली बाजार स्थित डागा नामक कारोबारी के ठिकाने में साहब के हिस्से की रकम सौंपे जाने के निर्देष दिये गये हैं। पीड़ितों के मुताबिक पहले भी उनसे जो अवैध रकम वसूली जाती थी उसे बंद न करते हुये पुनः वही डागा जी को रकम देने का फरमान जारी कर दिया गया है। बस संचालक एवं ट्रांसपोटर्स इससे खफा हैं। जानकारी के मुताबिक परिवहन संघ ने बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं से उनकी शिकायत की है। परिवहन संघ के पदाधिकारियों का दावा है कि अवैध वसूली में वही अफसर बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं, जो भूपेश सरकार की गोद में बैठे हुये थे। बताते हैं कि मालवाहक वाहनों के लिए टोकन जारी कर दिया गया है। जबकि राज्य में बीजेपी के सत्तारूढ़ होने के बाद परिवहन संघों की आवाज दबा दी गई है। बैरियर और परिवहन चौकियों में अवैध वसूली नेटवर्क काफी सुनियोजित ढंग से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा है। परिवहन संघ के पदाधिकारियों ने अपना नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर बताया कि विभाग के उच्च अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि समय पर रकम का भुगतान न करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। ऐसा फरमान लगातार जारी किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में परिवहन विभाग में लगभग 250 करोड़ प्रतिमाह अवैध वसूली की जाती थी। गौरलतब है कि पूववर्ती रमन सिंह सरकार में परिवहन चौकियां समाप्त कर ऑनलाईन सिस्टम कर दिया था। इसके चलते भ्रष्टाचार में काफी कमी आ गई थी। लेकिन कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही भूपेश बघेल ने अवैध उगाही का नया सिस्टम लागू कर दिया था। इसके चलते बंद हो चुकी परिवहन चौकियों को फिर से अस्तित्व में लाया गया था। पीड़ित पदाधिकारी बताते हैं कि परिवहन विभाग में अवैध वसूली का नेटवर्क नहीं बदला जबकि सत्ता परिवर्तित हो चुकी है। परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है।

क्‍या परिवहन आयुक्‍त दीपांशु काबरा की सरपरस्‍ती में फल-फूल रहा अवैध वसूली का कारोबार ?

परिवहन विभाग में पूर्व भूपेश सरकार द्वारा अपने खास अधिकारी आईपीएस दीपांशु काबरा को परिवहन आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई थी। लगातार भ्रष्टाचार की दस्तावेजी साक्ष्य के साथ शिकायत होने के बावजूद भी मामलों को सालों तक लंबित रखा गया। किसी प्रकार की जांच एवं किसी भी प्रकार की छोटी सी कार्रवाई भी उनके कार्यकाल में नहीं देखी गई है। सूत्रों का कहना है कि इनके पास अवैध वसूली को करने का जिम्‍मा दिया गया था। इसी कड़ी में हाल ही में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने रायपुर आरटीओ कार्यालय के आरटीओ सहित सभी कर्मचारियों को तत्काल बदलने के आदेश दिए थे और अब बिलासपुर कोर्ट ने बिलासपुर आरटीओ के पूर्व डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एजेंट राजेश ध्रुव के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है। बिलासपुर परिवहन विभाग के बहुचर्चित पूर्व डाटा एंट्री ऑपरेटर हीरा ध्रुव (वर्तमान जिला पेंड्रा परिवहन विभाग) एवं उनके सहयोगी एवं खास एजेंट राजेश ध्रुव पर बिलासपुर न्यायालय द्वारा 409 की धारा तहत अपराध पंजीबद करने का आदेश दिया है। राख परिवहन में भ्रष्टाचार को लेकर भूपेश सरकार में मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने पीएम को लिखा पत्र भूपेश बघेल सरकार में राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राख परिवहन में भ्रष्टाचार होने को लेकर पत्र लिखा है। उन्होंने सीधे तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जिम्मेदार बताने वाले जयसिंह ने मोदी को भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) पावर प्लांट में राख परिवहन का काम कर रही ब्लैकस्मिथ कंपनी पर कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है। जयसिंह अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश में राख परिवहन में भ्रष्टाचार होने का दावा किया है। पत्र में जयसिंह ने लिखा कि मंत्री रहते हुए उन्होंने इस कंपनी की जांच के लिए कई बार निर्देश दिए, लेकिन कुछ प्रभावशाली लोगों को द्वारा इसे संरक्षण दिए जाने के कारण किसी भी स्तर पर कोई भी जांच नहीं की गई। उन्होंने इस कंपनी पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कंपनी किसके संरक्षण में मनमानी कर रही थी, इसकी जांच की जाए। कहा जा रहा है कि अग्रवाल ने इस पत्र के माध्यम से कांग्रेसी सरकार के कुछ प्रमुख लोगों को घेरने का काम किया है। पीएम को लिखे पत्र में उन्होंने ब्लैकस्मिथ कंपनी को पिछले पांच वर्ष में मिले 200 करोड़ के राख परिवहन ठेके पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा किया है। अग्रवाल ने कहा है कि वेदांत रिसोर्सेज की बालको से प्रतिदिन 15 हजार टन की दर से प्रतिवर्ष 55 लाख टन राख का उत्सर्जन हो रहा है। ब्लैकस्मिथ कंपनी ने वर्ष 2021 से 2023 तक एक लाख 20 हजार टन से अधिक राख का परिवहन किया गया। इसके एवज में करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। भूपेश सरकार में वापस खोले गये 16 चेक पोस्ट पटेकोरहा, छोटे मानपुर, मानपुर (राजनांदगाव), चिल्‍फी (कबीरधाम), खम्हरपाली और बागबहार (महासमुंद), धनवर एवं रामनुजगंज (बलरामपुर), घूरीटोला और चांती (कोरिया) रेंगरपाली, (रायगढ़), शंख और लवाकेरा (जशपुर), कोंटा (सुकमा) और धनपुंजी (जगदलपुर)। अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन चुकी है। पिछली सरकार में जो भ्रष्‍टाचार हुए हैं उनकी जांच की जाये और जो भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त अफसर हैं उन्‍हें तत्‍काल अपने पदों से हटाया जाये। साथ ही यह संदेश देना चाहिए कि प्रदेश में अब भय-भ्रष्‍टाचार-दमन अत्‍याचार की सरकार नहीं है।