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महोबा : अवैध खनन से आजिज किसानों ने सिंघनपुर बघारी में की पंचायत

"महोबा के खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह पर आरोप लगाते हुए कबरई क्षेत्र के सिंघनपुर बघारी गांव के किसान लगातार आंदोलन पर है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।" 

महोबा। चित्रकूट मंडल के जिला महोबा में कबरई कस्बे के गांव सिंघनपुर बघारी में पहाड़ खदान में अवैध खनन अभी रुका नहीं है। गांव के प्रभावित किसानों का आंदोलन व अनशन बाँदा में चल रहा है। किसानों ने विरोध किया तो उनपर गम्भीर धाराओं में पहाड़ खदान पट्टा संचालक शाबरा खातून के साथियों ने एक दर्जन किसानों पर मुकदमा लिखा दिया। कुछ एक जेल भेज दिए गए। डरे सहमे किसानों ने महोबा प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई लेकिन सुनी नहीं गई। इस पर किसानों ने मंडल मुख्यालय बाँदा में अनशन शुरू कर दिया। वहीं आईजी व आयुक्त को मांगपत्र दिए। आयुक्त दिनेश कुमार सिंह की पहल पर जांच टीम बनी और पहाड़ की पैमाइश को निर्देशित किया गया। वहीं जांच टीम में शामिल बाँदा के लेखपाल केएम पांडेय व सुशील कुमार श्रीवास्तव और महोबा खनिज अधिकारी ने खदान की पुनः नापजोख की लेकिन बात नहीं बनी। गौरतलब है किसानों ने आरोप लगाया कि खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह ठीक से जांच नहीं होने दे रहे है। लेखपालों पर नाहक दबाव डाला जा रहा है। वहीं दिनरात आबादी से लगे खनन पट्टे से बाहर एक एकड़ में खनन हो रहा है। बतलाते चले यह 5 एकड़ की खदान है और एक एकड़ नक्शे में रिक्त है जिसमें मन्दिर व आबादी है। वैसे भी आबादी से 1 किलोमीटर तक पहाड़ ब्लास्टिंग प्रतिबंधित है।

बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल शर्मा व अन्य पीड़ित किसानों के साथ खड़े है। उन्होंने बीते 3 जनवरी गांव में बड़े स्तर पर किसानों की पंचायत की है। मौके पर ज़िला महोबा का प्रशासन व पुलिस मौजूद थी। किसानों ने बुलंदी से मांग की है गांव में अवैध खनन रोका जाए। खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह को हटाया जाए। आबादी में अवैध खनन के मामले में इसी गांव के निवासी एक लेखपाल ने पीटीबी को पूरी कहानी बतलाई है। इनके पिता को भी खदान संचालक ने फर्जी मुकदमे में किसानों के साथ फंसाया है। जाहिर है धनबल और सिस्टम की बदौलत खनिज अधिकारी व प्रशासन ने पहाड़ ठेकेदार के हौसले बुलंद कर रखें है। उल्लेखनीय है महोबा पत्थर मंडी में स्टोन क्रेशर व पहाड़ खदान पर कानून और उपखनिज परिहार एक्ट 1963 को ताक पर रख दिया जाता है। वहीं वनविभाग व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी पर अमल नहीं होता है। खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह बुंदेलखंड के विवादित व एक दशक से यहीं जमे रहने वाले अफसर है। ग्रामीण बतलाते है कि वे खुद को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का रिश्तेदार बतलाते है। यह वीडियो बयान जांच के वक्त का पीटीबी के पास उपलब्ध है। रसूखदार अफसर हो और दबंग ठेकेदार हो तो व्यवस्था बिगड़ने में देर नहीं लगती है। इस गांव में यही हो रहा है। फिलहाल वक्त खनन खेल जारी है और कार्यवाही सुस्त है।

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