
महोबा : सिघंनपुर बघारी पहाड़ की पैमाइश में खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह का अड़ंगा
मंडल आयुक्त बाँदा के निर्देश पर गठित टीम जब गांव में पैमाइश करने पहुंची तो कानूनगो व लेखपाल को खनिज अधिकारी के ज्ञान से चलने का दबाव बना।
ग्रामीणों ने यह देखकर वीडियो बनाया और सोशल मीडिया में वायरल किया। उन्होंने खुलेआम कहा कि शैलेंद्र सिंह खुद को बीजेपी यूपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का रिश्तेदार बतलाते है।
गांववासियों की बात सुनकर शर्मिंदा होने की जगह सरकारी मुस्कान में शैलेंद्र सिंह वही कर रहे थे जो उनकी अबतक मंशा रही है।
महोबा। चित्रकूट मंडल के कबरई से लगा सिंघनपुर बघारी गांव लगातार चर्चा में है। यहां 5 एकड़ के पहाड़ पट्टे को कबरई की रहवासी शाबरा खातून ने लीज पर लिया है। वहीं एक एकड़ अतिरिक्त आबादी व मन्दिर क्षेत्र में अवैध खनन की शुरूआत हुई तो गांवदारी ने विरोध किया। इस पर पट्टे धारक ने मुनीम के जरिये एक दर्जन किसानों पर फर्जी मुकदमा लिखा दिया। धारा भी ऐसी जो किसानों को दहशत में लिए है।
बतलाते चले किसानों ने महोबा प्रशासन से लगातार शिकायत की लेकिन कार्यवाही सुनिश्चित नहीं हो सकी। इस पर हलकान किसान मंडल मुख्यालय बाँदा अशोक लाट तिराहे में अनशन पर बैठ गए। उन्होंने पैदलमार्च कर अपनी मांग उठाई वहीं खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह की प्रतीकात्मक शवयात्रा बाँदा शहर में निकाल दी जिससे उनके साथ नई हो सके। उधर आयुक्त बाँदा ने एक टीम बनाकर पुनः पैमाइश की गाइडलाइंस बनाई। बीते 29 दिसम्बर पैमाइश करने पहुंचे कानूनगो व लेखपाल खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह के दबाव में दिखे।
पीटीबी को मिले वीडियो में ग्रामीणों ने खुलेआम खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह को कहा कि यह स्वयं को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का रिश्तेदार बतलाते है और कहते है मेरा कुछ नहीं होगा। यह बयान सुनकर भी शैलेंद्र सिंह को फर्क नहीं पड़ा और वे मंद मुस्कान लिए वही किये जो करना चाहते थे। उल्लेखनीय है कि किसानों ने लगातार खनिज अधिकारी पर पहाड़ संचालक से मिले होने का आरोप लगाया है। वहीं अवैध खनन में इनकी महती भूमिका ठेकेदार को संरक्षण देने में बतलाई है। बड़ी बात है कि बुंदेलखंड को पिछले एक दशक में नहीं छोड़ने वाले शैलेंद्र सिंह बाँदा के विवादित खनिज अधिकारी रहे है। यही चित्रकूट में किये। जहां रहे अवैध खनन की बहार रही है। बाँदा में केन नदी को लुटवाने में ऐसे अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका में सुविख्यात है।
यहां यह भी बतला दे कि खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने जो बेपनाह बेपरवाह दौलत बुंदेलखंड की खनिज संपदा के अवैध खनन से ठेकेदारों के मार्फ़त अर्जित की है उसकी यदि सीबीआई जांच हो तो कहानी कुछ और होगी। शायद सपा सरकार में गाजियाबाद के यादव सिंह से कमतर नहीं हो। आय से अधिक संपत्ति के आरोपी शैलेंद्र सिंह फिलहाल वक्त महोबा पर आशीर्वाद बनाये है। करीब 200 पहाड़ खत्म कर लेने वाला वीर महोबा ऐसे अधिकारियों को पाकर चंदेलों और आह्वा उदल की ग्रेनाइट विरासत को बर्बाद होने में याद रखेगा। जलसंकट वाले महोबा में पहाड़ों का उत्खनन इसके भयावह भविष्य की बुनियाद है। देखना होगा कि सिंघनपुर बघारी के किसानों को कितना न्याय मिलता है। सिस्टम भारी है और ये दबंगई सरकारी है।